सोमवार, 17 मई 2021

वो दिन कब आयेगा ?

 



कभी एकांत में बैठकर,

सोचता है  हमारा डील।

जब जब समाचारों में,
तबाही को देखता है दिल ।

कब यह करोना जायेगा ,
हमारे देश के भीतर से ।
कब पुनः खड़ा होगा पूरे ,
आत्मविश्वास ,वीरता से ।

कब खत्म होगा मौत का ,
दारुण दृश्यों का सिलसिला।
कब लोग बेखौफ हो जिएंगे ,
शुरू होगा खुशियों का मेला ।

कब विद्यार्थी पढ़ने जायेंगे,
अपने स्कूल/कालेज में रोजाना।
कब लोग दफ्तर जायेंगेऔरहोगा ,
व्यापारियों का दुकानों पर जाना ।


कब बच्चे बाग बगीचों में बेखौफ ,
खुल कर खेलने जा सकेंगे ।
कब बड़े बुजुर्ग ,युवा लोग सैर को,
अपने संगी साथियों के साथ जायेंगे

कब रौनक लौटेगी बाजारों की ,
सिनेमाघरों और रेस्तरां की ।
कब भीड़ होगी गोल गप्पे वाले,
के पास महिलाओं/ युवतियों की ।

सड़कों पर पसरा सन्नाटा बदलेगा ,
कब वाहनों की आवाजाही में ।
और लोग परिवार संग जा सकेंगे ,
सुदूर किसी रमणिक स्थानों में ।

कब मंदिरों के कपाट खुलेंगे,
और बजेंगे घंटे घड़ियाल वहां ।
कब मस्जिदों में होगी अजान,
और लोग अता करेंगे नमाज वहां ।

कब लोग त्योहार मनायेंगे,
परस्पर मिल जुलकर ।
अपने यारों / रिश्तेदारों से ,
हर सुख आनंद बांटेगे मिलकर।

आखिर कब !! कब आयेंगे ,
वो सुहाने दिन पुनः लौटकर ।
हे ईश्वर इस राक्षस को हमारे ,
जीवन और देश से दफा कर ।











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