रविवार, 9 मई 2021

यह कैसे आंदोलनकारी ?

 

 




यह कैसे है आंदोलनकारी ?

तो हैं बलात्कारी ।

एक मासूम समाज सेवी लड़की का जीवन

और सम्मान इन्होंने छीन लिया ।

यह कैसे है आंदोलनकारी ?,
यह तो है अत्याचारी ।
गुंडागर्दी कर बेवजह बेकसूरों का अंगभंग
और हत्याएं करते है।

यह कैसे हैं आंदोलनकारी ?
यह है गुंडे व्याभ्याचारी।
अनैतिकता ,व्याभिचार और गुंडागर्दी
फैलाकर समाज को दूषित करते हैं ।

यह कैसे हैं आंदोलनकारी ?
यह है देशद्रोही ।
अपनी नाजायज मांगे पूरी करवाने हेतु ,
देश और कानून पर दबाव डालते हैं ।

यह कैसे हैं आंदोलनकारी ? ,
यह है आतंकवादी ।
मांगे पूरी न होता हो रास्ता रोककर ,
राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर,
देश में दहशत फैलाते हैं।

किसान मजदूर नहीं है ,
यह हैं राजनीतिक गुंडे ।
जैसे भेड़ की खाल में खूंखार भेड़िए ,
जो भोले भाले लोगों को कपट जाल
में फंसाकर उनका शोषण करते हैं।

हमारे देश के मेहनत कश किसान मजदूर !
उनको कहां इतनी फुरसत और समझ !
उनको तो बस मेहनत मजदूरी कर अपना और
अपने बच्चों का लालन पालन करना है ।
सारे देश का भी भरण पोषण करना है।
वो नही खड़े चौराहों में ,
ना सड़कों और शहरों में,
वो तो अब भी काम में डूबा अपने खेतों में।

दोस्तों ! धोखे में मत आना ,
इनकी चिकनी चुपड़ी बातों से बहक मत जाना ।
ना ही यह किसान है ,
ना ही उनके सच्चे हितैषी ।
यह तो उनके दर्द गम और आहोें की गर्मी,
में अपनी स्वार्थ की रोटियां सेकने निकले हैं।
उनके अधिकारों और हितों का नाम लेकर ,
खुद लाभ उठाने निकले हैं।


याद करोगे अपने अमर शहीदों और
महान समाज सुधारकों को ।
तो स्मरण होगा ।
उनके महान कर्म, योगदान और बलिदान ,
उनके सदा जीवन उच्च विचारों को याद करोगे,
स्मरण होगा ।
ऐसे होते है अच्छे ,महान ,देश और समाज के सच्चे समाज सुधारक ।
ऐसे होते हैं आंदोलनकारी ।

यह तो है भेड़ की खाल पहने ,
नेक नियति का मुखौटा पहने ,
खूंखार भेड़िया !राक्षस ! शैतान!
यह नहीं आंदोलनकारी ।














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