वोह चौकीदार हमारा ( कविता)
{ परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सम्मान में एक कविता }
भारत माता का दुलारा ,
माता-पिता की आँखों का तारा ,
है जन-जन का प्यारा ,मोदी हमारा.
अब देखें ,कैसे आता है देश पर संकट ,
निपटेगा आप ही समस्या हो चाहे जितनी विकट ,
चट्टान बनकर खड़ा है पहरेदार बनकर ,
चौकीदार हमारा ...
कीचड़ उछाले गए और ना जाने कितने कहे अपशब्द ,
सहनशील था सुसंकारी था , सहता रहा सभी कुछ,
खिला ना फिर भी बेदाग़ ,सुन्दर कमल का फूल हमारा ...
सभी धर्मो /जातिओं के लोगों से उसका भाईचारा ,
हर भाषा,वेशभूषा ,संस्कृति ,सभ्यताओं से परिपूर्ण ,
जिसके ह्रदय में बहती प्रेम,करुणा और एकता की निर्मल धारा ,
हम है उसकी संतान ,और वोह है पिता हमारा ....
दीर्घायु हो,यशस्वी हो,
सदा शक्ति-संपन्न हो,
भारत माता का सच्चा -सेवक प्रधानमन्त्री हमारा ..