हे अभिभावकों !! अपने नौनिहालों का रखो ख्याल (कविता)
देना तो चाहते हो अपने नौनिहालों को ,
ऊँची से ऊँची अच्छी शिक्षा ,
तो पहले कर तो लो शिक्षण संस्थानों की ,
भली प्रकार से पूरी समीक्षा .
जो करे शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा,
धनोपार्जन का केवल साधन न बनाये,
अध्यापक हो सुशिक्षित /सुसंकारी ,
संतान समझ विद्यार्थियों का जीवन बनाये,
सुनिश्चित कीजिये की कोई भी शिक्षण संसथान ,
हो सुरक्षित, हवादार और संसाधनो से परिपूर्ण ,
आपके नौनिहालों के जीवन और भविष्य -निर्माण हेतु ,
आपकी और इनकी आशाओं पर खरा उतरे पूर्ण .
यह नौनिहाल है आपके जिगर के टुकड़े हैं आँखों के तारे ,
आपके जीवन के प्राण आधार है इनकी संभाल करो .
आपके सपनो /अभिलाषाओं का केंद्र-बिंदु मात्र नहीं,
आपका जीवन हैं यह इनके जीवन के ख्याल करो.
पंछी ही तो हैं प्यारे ,कब रहे एक डाल पर बैठकर ,
जहाँ मिली मनचाही ,खवाबों की मंजिल ,
उड़ चले वही अपने पंखो को फैलाकर .
आप उन्हें ख़ुशी से उड़ने दो दिल से दिल की डोर को ,
मजबूती से बांधकर .
आप उन्हें ख़ुशी से उड़ने दो दिल से दिल की डोर को ,
मजबूती से बांधकर .
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