शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

लॉक डाउन है तो क्या हुआ ! (कविता)

लॉक डाउन है यदि देश में तो क्या हुआ ,

हो कर रह गए घर में कैद तो क्या हुआ ?

फुर्सत के पल मांगते ही थे तुम कभी ,

अब मिल गया पूरा वक्त तो अच्छा ही हुआ ।

इससे पहले कब फुर्सत थी घर के लिए तुम्हें ,

मिल गया घर चलो इसी बहाने परिचय हुआ ।

गैरों की तरह अपनों से बस ओपचारिकता रही ,

आज उनके बीच बैठे तो प्यार का पादुर्भाव हुआ ।

इस लॉक डाउन ने सिखाया तुम्हें संयम /सहयोग ,

तुम क्या जानो ! तुममें एक विशेष परिवर्तन हुआ ।

इस लॉक डाउन का सकारात्मक पहलू देखोगे तो !

तुमने जिया वो क्षण जो अबतक तुम्हें न मिल पाया ।

यह लॉक डाउन तो एक दिन खत्म हो जाएगा ,मित्रों !

सुनहरा दौर है जीवन का ये याद करोगे गर गुज़र गया ।

 

 

 

 

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