पितृ -दिवस पर विशेष
पिता
पिता हैं एक वृक्ष है ,
छत्र -छाया में जिसकी ,
सुकून पाएं हम।
पिता हैं एक आधार ,
सम्बल पाकर जिनका ,
सुरक्षित रहें हम।
पिता हैं एक शक्ति -पुंज ,
संचरित होकर उनसे ,
बलवान बने हम।
पिता हैं प्रेरणा भी ,
धारण कर उनका मार्ग ,
जीवन को सफल करे हम।
पिता हैं ज्ञान - संस्कार भी ,
आदर्शों पर उनके चलकर ,
मानव कहलाये हम।
पिता हैं हमारे सबसे अच्छे मित्र ,
हमराज़, हमदर्द ,हमराह भी ,
मार्ग -दर्शन पाकर जिनकी ,
संघर्षों से विजय पाएं हम।
पिता की अंगुली पकड़ ही तो ,
हमने चलना सीखा।
पिता की आँखों से ही दुनिया को ,
हमने देखना सीखा।
महसूस कर त्याग -बलिदान उनका ,
क्यों न उनके समक्ष शीश झुकाएं हम।
पिता है तो सब कुछ है ,
जीवन है ,और जीवन का आनंद है।
पिता नहीं तो कुछ भी नहीं।
पिता का मूल्य उनसे पूछो ,
जिनके पिता नहीं.
क्योंकि पिता हैं बच्चों के लिए अनमोल।
दुनिया की कोई दौलत नहीं.
तो क्यों न आज के शुभ दिन ,
अपने पिता को शत-शत नमन करे हम.
उचित समय पर सटीक भावोद्गार | मातृ-दिवस पर तो बहुत सी रचनाएँ मिलती है लेकिन पितृ -दिवस दिवस पर इस प्रकार के उदगार पढ़ने को बहुत कम मिलते हैं | आप ने जिस प्रकार पिता के लिए शब्द सुमन अर्पित किए है उसके लिए आप प्रशंसा की पात्र हैं |
जवाब देंहटाएंshukriya !
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