prabhu ! tum sakha ho ( kavita)
प्रभु ! तुम सखा हो (कविता)
प्रभु ! तुम सखा हो ,
सुख -दुःख में साथ निभाते हो।
प्रभु ! तुम परम हितैषी हो ,
सही -गलत का अंतर समझते हो।
प्रभु ! तुम हमराज़ हो ,
हर राज़ हमारे छुपाते हो।
प्रभु ! तुम हमदर्द हो ,
हमें दर्द में राहत देते हो।
प्रभु ! तुम मार्ग-दर्शक हो ,
सत्य-मार्ग हमें दिखाते हो।
प्रभु ! तुम हमारे गुरु भी हो ,
जीवन -शिक्षा हमें देते हो।
प्रभु ! तुम ही हो परम-पिता परमात्मा ,
अपनी शरणागति रखते हो।
हमारी आत्मा रुपी दीप प्रज्वलित है तुमसे ,
भक्ति -मुक्ति का मार्ग तुम्हीं दिखाते हो.
ईश्वरीय गुणों को अभिव्यक्त करती कविता |
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