रविवार, 30 जनवरी 2022

भगवान बनना आसान नहीं।

 जाने कैसे लोग खुद को मानते है भगवान ,

वोह इस हकीकत से है बिलकुल अनजान ।

भक्त की एक पुकार पर उपस्थित होता है वोह,
तुम तो इतराने लगते हो आ जाता है अभिमान।

राम बनकर वनवास व् कृष्ण बनकर लांछन सहे,
तुम क्या जानो कितना कठिन था उनका जीवन ।

तुम पर पड़े ऐसी विपदा तो क्या झेल सकोगे ?
सदा सुख ऐश्वर्य में गुजरता है तुम्हारा प्रतिक्षण।

सती नारी थी सीता फिर भी उसे त्यागना पड़ा ,
परंतु स्वयं संन्यासी सा किया उन्होंने जीवन यापन।

धर्म और सत्य की रक्षा हेतु महाभारत होना ही था,
मगर दो परिवारों में युद्ध करवाने का मिला लांछन ।

निर्दोष होकर भी गांधारी के श्राप को मुस्कुराकर ,
कृष्ण झेल गए न किया कोई प्रतिउत्तर में आक्षेपण।

तुम होते तो क्रोधित हो कर अपना आवेश खो देते ,
तत्क्षण ही घायल हो जाता तुम्हारा प्यारा अभिमान।

दया और करुणा की मूर्ति उन्हें यूं ही नहीं कहते ,
जग को जीवन देने के लिए किया उन्होंने विषपान ।

इतनी अधिक त्याग ,सहनशीलता और संयम था ,
उस पर उज्ज्वल और पवित्र चरित्र थे गुणों की खान।


कर्म योग ,धर्म की रक्षा से पाया भाग्य उन्होंने महान ,
तभी तो वोह कहलाए भगवान और तुम हो सिर्फ एक
साधारण , तुच्छ इंसान ।















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