रविवार, 30 जनवरी 2022

चंद्र चमकता रहेगा

 


हों आसमान में चाहे कितने भी बादल ,
सूरज को चमकना है तो चमक कर रहेगा।
माना के अमावस की रात है और ग्रहण भी छाया,
मगर चंद्र को निकालना है निकलकर ही रहेगा।
गुमनामी की सतह पर धरती की कोई दबा दे चाहे ,
वोह अंकुर घना वृक्ष बनकर जरूर उबरेगा ।
वोह सूरज जो अब भी अपनी रोशनी लुटाता है ,
यह रोशनी नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करता रहेगा ।
वोह जो चंद्र जग में शीतलता बरसात है ,
अपनी शीतलता को इनके संस्कारों में भरता रहेगा।
और वोह घना फलदार बड़ा वृक्ष ,
उसके ज्ञान ,देशभक्ति , सेवा ,त्याग और कई ,
मानवीय मूल्य युवा वर्ग को प्रदान करता रहेगा ।
अमर शहीद नेता जी सुभाष चंद्र बोस का बलिदान ,
और योगदान सदा देश याद करता है और करता रहेगा ।


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