तकरार ( ग़ज़ल )
हमसे पूछते है आप , क्यों करते हो प्यार ,
अपनी अदाओं से पूछिये ,हमसे पूछते है क्या ?
नज़रों से जो पिलाई थी क्या वोह मस्ती थी !,
क्या वोह शराब न थी ,हम बतलाएं भी क्या ?
लूट कर मेरा करार , आप तो बेखबर हो गए ,
हम तो गए जान से ,आप का बिगड़ा भी क्या ?
दिल पर तो किसी का जोर कभी चलता नहीं ,
लाख कोशिश कर लीजिये और आप करेंगे क्या ?
आप मुलाक़ात न कीजिये , मर्ज़ी है हुजुर आपकी ,
मगर ख्वाबों में फिर भी लायेंगे , हमसे रुठेंगे क्या ?
दुनिया हमें दीवाना कहे तो कहे ,कोई परवाह नहीं,
मगर खुदा से फिर भी आपको मांगेंगे , इनकार करेंगे क्या ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें