चेतना - मनुष्य की मानवता , ईश्वरीय शक्ति , व् पर्यावरण हेतु जागरूक होने का प्रतीक .
गुरुवार, 10 मई 2012
NAARI ( KAVITA )
नारी !
नारी ! तुम पुष्प हो,
और यह जग उपवन ,
सुगंध से अपनी महकाओ इसे।
नारी ! तुम उत्तर हो , और यह जग प्रश्न ,
व्याख्या देकर सुलझाओ इसे।
नारी ! तुम गीत हो,
और यह जग साज़ ,
मधुर संगीत बनाओ इसे .
नारी! तुम प्रेरणा हो,
और यह जग मन ,
जीवन में अपनाओ इसे .
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