गुरुवार, 27 मार्च 2025

संयम और प्रेम

 







सुनो पुरुष !

तुम्हें संयम में रहना नहीं आता ,
नारी के मन मस्तिष्क को टटोलना नहीं आया ,
तुम्हें तो उसका बाहरी रूप  ही भाता।
तुम उसपर तो अंकुश लगाते रहे ,
मगर खुद पर अंकुश लगाना नहीं आता ।
प्रेम की लालसा में पहल स्वयं की ,
और मन प्रेम का प्रति फल भी है मांगता ।
मिल गया प्रेम तो होश गंवा बैठे ,
मर्यादा में रहना तुम्हें जैसे नहीं आता।
प्रेम विभोर होकर दीवाने बन गए या गुलाम ,
अपने बाकी रिश्तों का तुम्हें ध्यान नहीं आता ।
और यदि असफल हो गए ठुकराए गए प्रेम में ,
तो कितना आघात तुम्हारे पुरुष अहम को लगता ।
ऐसे में तुम क्या करोगे ?
प्रेम से विरक्त होकर तुलसी बनोगे या गौतम ।
नारी से सारे बंधन तोड़कर ,चुनते फिर अन्य रास्ता ।
या फिर दुश्मन बन जाते ,अपनी ही जान के ,
या नारी को चोट पहुंचाते ,वहशीपन तुम पर सवार होता ।
तुम्हें संयमित में रहना कहां आता है !
अगर संयमित में रहते तो देवता न बन जाते ।
फिर स्वतः ही नारी  का विशुद्ध प्रेम और समर्पण
तुम्हें प्राप्त हो जाता ।
संयम और मर्यादा में जो रहने का सुख और आनंद है ,
अन्यत्र कहीं भी नहीं।
जीवन में सच्चे और महान प्रेम को स्थापित करना ,
इससे बड़ा कोई महान कार्य नहीं।
अमर प्रेम का जीवंत उदाहरण है राधा और कृष्ण का ,
श्री राम और सीता का ,
ऐसा ही निष्काम और पवित्र प्रेम ही ,
जग में अमर कहलाता ।



मंगलवार, 25 मार्च 2025

भयावह कलयुग

 



कैसा है भयावह कलयुग ,

हमें न रास आया यह युग ।

दुशासनों के मध्य लाचार नारी ,

उस पर यह विपदा अति भारी।

धृतराष्ट्र बनी अंधी सरकार ,

अपितु गूंगी और बहरी सरकार ।

यूं तो करे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का प्रचार,

मगर बेटियों की लाज बचाने को है लाचार ।

न्याय व्यवस्था और कानून को क्या कहें ?

अपराधी सभी गुनाह करके भी  सुरक्षित रहें ।

मान्यवर! बड़ी अनोखी इनकी  न्याय नीति  है,

पीड़ितों के प्रति नहीं अपितु शैतानों के प्रति सहानुभूति है।

अजी छोड़िए भी ,यह क्या न्याय करेंगे !

 मानवता नहीं जिनके भीतर ,वो इंसाफ करेंगे !!

महसूस होता है इनके घर शायद कोई नारी नहीं ,

या फिर इनकी फितरत में ईमान ही नहीं।

अपने घर की नारियां तो है न सुरक्षित ,

देश की नारियों से इनका क्या मतलब !

यह तो लालची है धन दौलत के ,

फ़र्ज़ और ईमान से इनका क्या मतलब !

बेचारी मेरे भारत की नारियां ,मेरी बहने ,बेटियां !

या तो तुम सब शेरनियां ,दुर्गा या काली बन जाओ,

अन्यथा द्रौपदी की तरह अपनी भक्ति में इतनी शक्ति लाओ,

के मुरली मनोहर कृष्ण को पुकार लाओ।

अब वहीं है सर्व शक्ति मान ,तेजस्वी भगवान ,

जो बचा सकते है तुम्हारे शत्रुओं से जीवन और मान सम्मान ।